Jannatein
Sanjeev Ajay
तुमसे मिला
तो ज़मीन पे जन्नाटें मिल गयी
मेरी बेताबियों को
रहते मिल गयी
मंज़ूर हो गयी हर दुआ
माँगू और क्या मैं रब से
माँगू और क्या
माँगू और क्या मैं रब से
माँगू और क्या
मुसाफिर धूप का था
नही थी चाओ मिलो तक
मिले जो तुम तो मिल गयी बारिशें
ना कोई आरज़ू है बाकी बखुदा
माँगू और क्या मैं रब से
माँगू और क्या
माँगू और क्या मैं रब से
माँगू और क्या
है साँसों का सफ़र जब तक
चलूँगा साथ तेरे मैं
हा पूरी हो गयी मेरी ख्वाषयें
करू कैसे अदा तेरा मैं शुक्रिया
माँगू और क्या मैं रब से
माँगू और क्या
माँगू और क्या मैं रब से
माँगू और क्या