Akse Khushboo Hoon

DJ Amyth, Pankaj Udhas

आक़्से खुश्बू हूँ बिखरने से ना रोके कोई
आक़्से खुश्बू हूँ बिखरने से ना रोके कोई
और बिखर जौन तो मुझ को ना समेटे कोई
आक़्से खुश्बू हूँ

काप उठती हूँ मैं ये सोच के तन्हाई मैं
काप उठती हूँ मैं ये सोच के तन्हाई मैं
मारे चेहरे पे तेरा नाम ना पढ़ ले कोई
मारे चेहरे पे तेरा नाम ना पढ़ ले कोई
और बिखर जौन तो मुझ को ना समेटे कोई
आक़्से खुश्बू हूँ

जिस तरह खवाब मेरे हो गये रेज़ा रेज़ा
जिस तरह खवाब मेरे हो गये रेज़ा रेज़ा
इस तरह से ना कभी टूट के बिखरे कोई
इस तरह से ना कभी टूट के बिखरे कोई
और बिखर जौन तो मुझ को ना समेटे कोई
आक़्से खुश्बू हूँ

अब तो इस राह से वो शाकस गुज़रता भी नही
अब तो इस राह से वो शाकस गुज़रता भी नही
अब किस उमीद पे दरवाज़े से झाँके कोई
अब किस उमीद पे दरवाज़े से झाँके कोई
और बिखर जौन तो मुझ को ना समेटे कोई
आक़्से खुश्बू हूँ

Wissenswertes über das Lied Akse Khushboo Hoon von Sadhana Sargam

Wer hat das Lied “Akse Khushboo Hoon” von Sadhana Sargam komponiert?
Das Lied “Akse Khushboo Hoon” von Sadhana Sargam wurde von DJ Amyth, Pankaj Udhas komponiert.

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