Jiya Na Hi Lage

KALYANJI V. SHAH, ANANDJI V. SHAH, ILA ARUN

ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ
मेरे मितवा मितवा ओ
तुम कहा हो
मेरे मितवा ओ
तुम कहा हो

जिया नही लागे जिया नही लागे
कब आओगे कब आओगे
जिया नही लागे जिया नही लागे

सिंदूरी शाम मे तड़पे अकेला आस का पंछी
सिंदूरी शाम मे तड़पे अकेला आस का पंछी
तेरे ही गीत गाए तेरी ही याद दिलाए
तेरी ही याद दिलाए
तरसाओ ना तरसाओ ना
जिया नही लागे जिया नही लागे

मेरे मितवा ओ

मेरे मितवा ओ

यादो के बदल छाए नैना ये नीर बहाए
यादो के बदल छाए नैना ये नीर बहाए
पलकों की कोर कब तक मेरे दर्द को छुपाए
मेरे दर्द को छुपाए
तरसाओ ना तरसाओ ना
जिया नही लागे जिया नही लागे
कब आओगे कब आओगे
जिया नही लागे जिया नही लागे

Wissenswertes über das Lied Jiya Na Hi Lage von Sadhana Sargam

Wer hat das Lied “Jiya Na Hi Lage” von Sadhana Sargam komponiert?
Das Lied “Jiya Na Hi Lage” von Sadhana Sargam wurde von KALYANJI V. SHAH, ANANDJI V. SHAH, ILA ARUN komponiert.

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