Mor Mukat

Traditional

मोर मुकुट सीर कानन कुण्डल नैन रसीले
मुख शशि मंडल हरी सम और न कोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे

मधुर मुरलिया अधरान राजे
गले वैजन्ती माला साजे हरी सम और न कोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे

औ औ औ औ औ औ औ औ

श्री पति हरी श्री वरधन
श्री युत श्री नारायण प्रभु के श्री चरनन में
मो श्री हीन को वंदन कौस्तुभ मणि श्री वत्स की रेखा
ऐसा श्रीधर और न देखा श्री सर्वांग सजोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे

नील कलेवर पट पीताम्बर अंग धरे
कान्हा कुंजन अकेले करे
पद से गंग प्रवाहित
अंतर स्थापित राधा मार्ग में अनगिन सखिया
मिलन में केवल बाधा नात्सिखावर नल कहत न आवे
कोटिक मन मथ देख लजावे देखत सुध बुध खोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे
मोर मुकुट सर कानन कुण्डल नैन रशीले
मुख शशि मंडल हरी सम और न कोई रे
सखी मेरो प्रीतम सोई रे

Wissenswertes über das Lied Mor Mukat von Sadhana Sargam

Wer hat das Lied “Mor Mukat” von Sadhana Sargam komponiert?
Das Lied “Mor Mukat” von Sadhana Sargam wurde von Traditional komponiert.

Beliebteste Lieder von Sadhana Sargam

Andere Künstler von World music