Aafreen [Lofi]

Amitabh Bhattacharya, Salim Sulaiman

हआ आ आ
यूँ रूह की उँगलियों से खींची हैं तूने लकीरें
तस्वीर है रेत की वो, या ज़िंदगी है मेरी रे
ज़ख़्मों को तूने भरा है
तू मरहमों की तरह है
आफ़रीं, हो, आफ़रीं
आफ़रीं, ओ, आफ़रीं
आफ़रीं, ओ, आफ़रीं
आफ़रीं, हो, आफ़रीं
तेरे पहलू को छूके महकी है ख़ुशबू में
आब-ओ-हवा आफ़रीं
ओ, दुनिया बदल जाए, तू जो मुझे मिल जाए
इक मरतबा आफ़रीं
आफ़रीं, आफ़रीं
आफ़रीं, हो, आफ़रीं
आफ़रीं, आफ़रीं
आफ़रीं, हो, आफ़रीं

या मरहबा, रूप तेरा, दिल की मिटी तिश्नगी रे
सारे अँधेरे फ़ना हों ऐसी तेरी रोशनी रे
ज़ख़्मों को तूने भरा है
तू मरहमों की तरह है
आफ़रीं, हो, आफ़रीं
आफ़रीं, ओ, आफ़रीं
आफ़रीं, आफ़रीं
आफ़रीं, ओ, आफ़रीं
आफ़रीं, ओ, आफ़रीं

तेरे पहलू को छूके महकी है ख़ुशबू में
आब-ओ-हवा आफ़रीं
ओ, दुनिया बदल जाए, तू जो मुझे मिल जाए
इक मरतबा आफ़रीं
आफ़रीं, आफ़रीं
आफ़रीं, ओ, आफ़रीं
आफ़रीं, आफ़रीं
आफ़रीं, आफ़रीं
आफ़रीं
आफ़रीं

Wissenswertes über das Lied Aafreen [Lofi] von Salim Sulaiman

Wer hat das Lied “Aafreen [Lofi]” von Salim Sulaiman komponiert?
Das Lied “Aafreen [Lofi]” von Salim Sulaiman wurde von Amitabh Bhattacharya, Salim Sulaiman komponiert.

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