Ye Mana Ke Tumne
RAHMAT KHAN
ये माना के तुमने बोहोत हमको चाहा
मगर हम भी तुमको बोहोत चाहते है
कभी मिल के बिछड़े ना है ये तमन्ना
तेरे प्यार की इम्तहा चाहते है
बोहोत चाहते है
चले दिल की धड़कन तेरा नाम लेकर
निगाहें उठे तो तेरा अक्ष दे कर
हवओ में तेरी ही आ आ
हवओ में तेरी ही खुश्बू बसी हो
तेरा साथ हर साँस में चाहते है
बोहोत चाहते है
मैं लिखूं तो बस तेरी चाहत में लिखूं
मैं गाऊ तो बस तेरे नगमे ही गाऊ
ज़मी पर चलू या आ आ
ज़मी पर चलू या उडु आसमान पर
तेरी उलफाते हर कदम चाहते है
बोहोत चाहते है
कभी ज़िंदगी के सफ़र में हमदम
अगर तक भी जाओ मेरे प्यार से तुम
तो शिकवा कभी ना आ
तो शिकवा कभी ना ज़ुबान से करेंगे
के हम तो वफ़ा का भरम चाहते है
कभी मिल के बिछड़े ना है ये तमन्ना
तेरे प्यार की इंतहा चाहते है
बोहोत चाहते है बोहोत चाहते है
बोहोत चाहते है बोहोत चाहते है