Rafta Rafta

Nikhat Khan

ना कसूर है मेरा
ना कसूर दिल का है
ये ख़ाता तो है तेरी
तू खूबसूरत है
अनदेखे धागो से
तू बाँध रहा है मुझको
मेरा दिल करता है
इन्न धागो में
बंधता ही जाऊँ
रफ़्ता रफ़्ता की रफ्तो में तेरे आ जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता सिकस्त मैं तुझसे पा जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता की रफ्तो में तेरे आ जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता सिकस्त मैं तुझसे पा जाऊं

मैने नींद को आने ना दिया तेरे लिए
सौ सौ बहाने करती है आँखे तेरे लिए
क्या काहु मैं किससे काहु मेरे दिल की
आभी जा अब बेड सिरहाने मेरे लिए
तू किन्ना मासूम है
ये मुझे मालूम है
मैं तेरे उठे मार गयी आ
तू सोहना मेरा यार वे
सांसो की जगह तुम हो
तो मैं जी जौ
रफ़्ता रफ़्ता की रफ्तो में तेरे आ जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता सिकस्त मैं तुझसे पा जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता की रफ्तो में तेरे आ जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता सिकस्त मैं तुझसे पा जाऊं

एक तरफ़ा दुनिय को मैने कर दिया
जबसे तुझे अपना ही मैने कह दिया
तेरे सदके मैं वार डून अब हर खुशी
तुझको अपना हुमनावा मैने चुन लिया
तू किन्ना प्यार करती है
ये मुझे मालूम ना था
मैं तेरे उठे मार गयी आ
तू सोहना मेरा यार वे
तेरे इशक़े दरिया में
दिल करे बह जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता की रफ्तो में तेरे आ जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता सिकस्त मैं तुझसे पा जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता की रफ्तो में तेरे आ जाऊं
रफ़्ता रफ़्ता सिकस्त मैं तुझसे पा जाऊं

Wissenswertes über das Lied Rafta Rafta von Salman Ali

Wer hat das Lied “Rafta Rafta” von Salman Ali komponiert?
Das Lied “Rafta Rafta” von Salman Ali wurde von Nikhat Khan komponiert.

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