Mitwa
जानिये हीरिये
जानिये हीरिये
मेरे मैं ये बता दे तू
किस और चला हैं तू
क्या पाया नहीं तूने
क्या ढूंढ रहा हैं तू
जो है अनकहीं जो हैं अनसुनी
वह बात क्या है बता
मितवा कहे धड़कन हैं तुझसे प्यार
मितवा यह खुदसे तोह न तू छुपा
मेरे मैं ये बता दे तू
किस और चला हैं तू
क्या पाया नहीं तूने
क्या ढूंढ रहा हैं तू
जो है अनकहीं जो हैं अनसुनी
वह बात क्या है बता
मितवा कहे धड़कन हैं तुझसे प्यार
मितवा यह खुदसे तोह न तू छुपा
जीवन डगर में प्रेम नगर में
जीवन डगर में प्रेम नगर में
आया नज़र में जब से कोई हैं
तू सोचता हैं तू पूछते हैं
जिसकी कमी थी क्या यह वही हैं
हां यह वही हैं
हां यह वही हैं
तू एक प्यासा और यह नदी हैं
काहे नहीं इसको तू खुलके बताये
जो है अनकहीं जो है अनसुनी
वह बात क्या है बता
मितवा कहे धड़कन हैं तुझसे प्यार
मितवा यह खुदसे तोह न तू छुपा
तेरी निगाहें पा गई राहे
पर तु यह सोचे जौं न जाउँ
यह ज़िन्दगी जो है नाचती तोह
क्यों बेड़ियों में हैं तेरे पाँव
प्रीत की धुन पर नाच ले पागल
उड़ता अगर हैं उड़ने दे आँचल
काहे कोई अपने को ऐसे तरसाये
जो है अनकहीं जो हैं अनसुनी
वह बात क्या है बता
मितवा कहे धड़कन हैं तुझसे प्यार
मितवा यह खुदसे तोह न तू छुपा
मेरे मैं ये बता दे तू
किस और चला हैं तू
क्या पाया नहीं तूने
क्या ढूंढ रहा हैं तू
मितवा