Dashavatar
बहता पानी चलती हवाएं
चमके सूरज रात सुहानी
गाते पंछी खिलते पौधे
झूमे बदल मस्त फ़िज़ाए
क्यों बेह्ते है क्यों चलते
क्यों बेह्ते है क्यों चलते
क्यों खिलते है और गाते है
इन्हे ज़िन्दगी देनेवाला
कोन है हा कौन है इसका पालनहार
नारायण के वार्डःस्तर से
चलता जाये ये संसार
नारायण के वार्डःस्तर से
चलता जाये ये संसार
पारस परीति धरा को
किसी विकारती ने ललकारा
पारस परीति धरा को
किसी विकारती ने ललकारा
धरम का सूरज लगा डूबने
घिर आया जब अँधियारा
तब तब क्षीरसागर से उठकर
करने श्रिस्ति का उद्धार
तब तब शिवसागर से उठकर
करने श्रिस्ति का उद्धार
श्री विष्णु ने युगों युगों से लिया है
हा लिया है धरती पर अवतार
दशावतार दशावतार दशावतार
दशावतार दशावतार दशावतार
दशावतार दशवता