Khushbuyein
तस्वीर ही ना देखी हो जिसकी
नज़ारा है पलक भर ये
चार दिवारी है ख़ाबों की
एक साँस ले और महक भर ले
आसमानी खिड़कियाँ, बादलों की सीढ़ियाँ
किसी मंजिल से परियाँ छिड़क रही है क्या
खुशबुएँ, खुशबुएँ, खुशबुएँ, खुशबुएँ
सुकूँ है, जुनूँ है, कमाल, बेमिसाल है ये ख़ुशबुएँ, खुशबुएँ
ये आँख-मिचोली सपनों की सारी
छुपते हैं ढूँढ लिया, अब मेरी बारी
ये महल रंगों का, फूलों की क्यारी
तक-तक ना थकती हैं आँखें हमारी
छूकर यूँ मस्ती में भागे वो, आगे मैं
हाथ ना धोके ही पीछे पड़ गया रे
सपनों के बक्से हैं, रख लूँ अलग से में
खोलूँगा कभी अकेला जो पड़ गया रे
आसमानी खिड़कियाँ, बादलों की सीढ़ियाँ
मुझे राह दिखाती परियाँ, पुकारती है, आ
खुशबुएँ, खुशबुएँ, खुशबुएँ, खुशबुएँ
सुकूँ है, जुनूँ है, कमाल, बेमिसाल है ये खुशबुएँ, खुशबुएँ
ये मंज़िल कैसा सफ़र से पहले
ये क्या जादू हुआ मंतर से पहले
एकटक देखूँ, हर रंग पहचान लूँ
तस्वीर खींच तो लूँ, नज़र से पहले
आसमानी खिड़कियाँ, बादलों की सीढ़ियाँ
किसी मंज़िल से परियाँ छिड़क रही है क्या ख़ुशबुएँ, खुशबुएँ
सुकूँ है, जुनूँ है, कमाल, बेमिसाल है ये ख़ुशबुएँ, खुशबुएँ