Hututu

A R RAHMAN, AMITABH BHATTACHARYA

हूतुतु तुरुरू हूतुतु तुरुरू
मन पहेली है साजना
बेस्वादी सी ज़िन्दगानी में
नमक बनके तू घुल जा
नया दिन चढ़ गया
सूरज नया निकल गया
ज़मीन बदली नही
तो आसमान बदल गया
हूतुतु तुरुरू हूतुतु तुरुरू
मन पहेली है साजना
बेस्वादी सी ज़िन्दगानी में
नमक बनके तू घुल जा

हाँ मुद्दतें हो गयी (गयी)
हो गुनगुनाते जिसको
गीत ना सही कम से कम (कम)
बदलती तर्ज़ हो
छीन ले जायें यह कितना
गिन के लौट आने भी दुगना
सुना है ऐसा करके
आता है मज़ा वक़्त को
हूतुतु तुरुरू हूतुतु तुरुरू
मन पहेली है साजना
बेस्वादी सी ज़िंदगानी में
नमक बनके तू घुल जा
नया दिन चढ़ गया
सूरज नया निकल गया
ज़मीन बदली नही
तो आसमान बदल गया
हूतुतु तुरुरू हूतुतु तुरुरू
मन पहेली है सजना
बेस्वादी सी ज़िंदगानी में
नमक बनके तू घुल जा

Wissenswertes über das Lied Hututu von Shashaa Tirupati

Wer hat das Lied “Hututu” von Shashaa Tirupati komponiert?
Das Lied “Hututu” von Shashaa Tirupati wurde von A R RAHMAN, AMITABH BHATTACHARYA komponiert.

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