Kaisi Jadugari

SHASHWAT SACHDEV

सूरमाई आँखें तेरी
उठकर जो गिरी
बहती फ़िज़ा चलते नज़ारे सब रुक्क गये

तारों के मोंगरे
बरसे छत पे मेरे
जो बादलों के टोकरे हैं
झुकक गये

कैसी जादूगरी फूँकी तुमने है
हैं ना बोलो ना
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने है
हैं ना बोलो ना

कभी कभी शाम जलती है
कभी कभी दिन बुझता है
कभी कभी बात बनती है
कभी कभी सब उलझता है
आसमान था पतंग
चाँदनी थी डोर
देखो लूट्ट गया है ये ओर तू है चोर
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने है
सूरमाई आँखें तेरी
उठकर जो गिरी
बहती फ़िज़ा चलते नज़ारे सब रुक्क गये

तारों के मोंगरे
बरसे च्चत पे मेरे
जो बादलों के टोकरे हैं झुकक गये

कैसी जादूगरी फूँकी तुमने है
हैं ना बोलो ना
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने है
हैं ना बोलो ना
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने है
हैं ना बोलो ना
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने है
हैं ना बोलो ना

Beliebteste Lieder von Shashwat Sachdev

Andere Künstler von Pop rock