Khwahishein

Irfan Siddiqui

ख्वाइशों का चेहरा क्यों
धुंधला सा लगता है
क्यूँ अनगिनत ख़्वाहिशें हैं
ख्वाहिशों का पहरा क्यों
ठहरा सा लगता है
क्यों ये ग़लत ख्वाइशें हैं
हर मोड़ पर फिर से मुड़ जाती है
खिलते हुए
पल में मुरझाती है
है बेशरम फिर भी शर्माती है
ख्वाइशें
ज़िन्दगी को धीरे धीरे
डस्ती हैं ख्वाहिशें
आंसूं को पीते पीते
हंसते हैं ख्वाहिशें
उलझी हुई कशमकश में
उमर कट जाती है
हा हा हा हा हा हा हम्म हम्म हम्म हम्म

आँखें मिच जाए
जो उजालों में
किस काम की ऐसी रौशनी
ओ ओ भटका के ना
लाये जो किनारों पे
किस काम की ऐसी कश्ती
आंधी हर धीरे से लाती है
वादा कर धोखा दे जाती है
मुँह फेर हंस के
चिढ़ाती है ख़्वाहिशें ख़्वाहिशें हे हे
ज़िन्दगी को धीरे धीरे
डस्ती हैं ख्वाइशें ख्वाइशें
आंसुओं को पीते पीते
हंसते है ख़्वाहिशें हे हे
ज़िन्दगी को धीरे धीरे हे हे
डस्ती हैं ख्वाहिशें हे हे
उलझी हुई कशमकश हे हे
में उमर कट जाती है
हो हम्म हम्म हम्म हम्म ता रा रा आ आ

Wissenswertes über das Lied Khwahishein von Shreya Ghoshal

Wer hat das Lied “Khwahishein” von Shreya Ghoshal komponiert?
Das Lied “Khwahishein” von Shreya Ghoshal wurde von Irfan Siddiqui komponiert.

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