Usne Kaha
PRASOON JOSHI, SHANTANU MOITRA, JAIDEEP SAHNI
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बहारों को बुलाया, नादिया को भी मनाया
मिन्नटे की तब वो गुनगुनाई
फूलों को खुश्बू बाँटी, शबनम को भी रचाया
शिपियों को साहिल पे बुलाया
आया वो उसने कहा
देखो आने पे मेरे बदलते हैं मौसम
बहारों को, नादिया को भी मनाया
मिन्नटे की तब वो गुनगुनाई
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धींम त धीम ते रे ना धींम त धीम ते रे ना
तन धी ना धी ना तन धी ना धी ना
धींम त धीम ते रे ना
तन धी ना धी ना तन धी ना धी ना
धींम त धीम ते रे ना
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बारीशो को माँगाया, नखरे धूप के उठाए
और हवा को संदेशा भिजवाया
चाँदनी की चाशनी मे, एक एक लम्हा भी गाया
रात को भी सुरमई बनाया
आया वो उसने कहा
देखो आने पे मेरे बदलते हैं मौसम
बहारों को बुलाया, नादिया को भी मनाया
मिन्नटे की तब वो गुनगुनाई
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