अभी मुझ में कहीं

AMITAVA BHATTACHARYA, AJAY GOGAVALE, ATUL GOGAVALE

अभी मुझ में कहीं
बाकी थोड़ी सी है ज़िन्दगी
जगी धड़कन नई
जाना ज़िन्दा हूं मैं तो अभी
कुछ ऐसी लगन इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने
इसे छु लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
हो अभी मुझ में कहीं
बाकी थोड़ी सी है ज़िन्दगी

ओ धूप में जलते हुए तन को
छाया पेड़ की मिल गयी
रूठे बच्चे की हंसी जैसे
फुसलाने से फिर खिल गयी
कुछ ऐसा ही अब महसुस दिल को हो रहा है
बरसों के पुराने ज़ख्मों पे मरहम लगा सा है
कुछ ऐसा रहम इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अभ है सामने
इसे छु लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा

डोर से टूटी पतंग जैसी
थी ये जिंदगानी मेरी
आज हो कल हो मेरा ना हो
हर दिन थी कहानी मेरी
एक बंधन नया पीछे से अब मुझको बुलाये
आने वाले कल की क्यूँ फ़िकर मुझको सता जाये
इक ऐसी चुभन इस लम्हें में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अभ है सामने
इसे छु लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा

Wissenswertes über das Lied अभी मुझ में कहीं von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “अभी मुझ में कहीं” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “अभी मुझ में कहीं” von Sonu Nigam wurde von AMITAVA BHATTACHARYA, AJAY GOGAVALE, ATUL GOGAVALE komponiert.

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