Baat Saaf Hai

Abhendra Kumar Upadhyay

इस ज़माने की भीड़ में
तू आया मेरी तकदीर मैं
आ सारी खुबिया मैंने पायी
जो थी रांझे की हीर मैं
तू माने या ना माने
ये बात साफ़ है
तेरे मेरे मिलने में
ये रब का हाथ है
ये बात साफ़ है
ये बात साफ़ है
ये बात साफ़ है
ये बात साफ़ है

जिसको जो मिलना होता है
पहले से ही सब तय होता है
हो जिसको जो मिलना होता है
पहले सेही सब तय होता है
हाथ में या माथे पे
कही तो वो लिखा होता है
तू जाने या ना जाने
ये दिल की आवाज़ है
तेरे मेरे मिलने में
ये रब का हाथ है
ये बात साफ़ है
ये बात साफ़ है
ये बात साफ़ है
ये बात साफ़ है

जोडिया तो आसमान पे
ही बनायीं जाती है
हो जोडिया तो आसमान पे
ही बनायीं जाती है
रस्मे मिलने के जमीन पे
बस निभाई जाती है
मैं तेरी रस्म हूँ
तू मेरा रिवाज़ है
तेरे मेरे मिलने में
ये रब का हाथ है
ये बात साफ़ है
ये बात साफ़ है
ये बात साफ़ है
ये बात साफ़ है
सजना मैं तेरा हो गया
सजना मैं तेरा
सजना मैं तेरा हो गया
सजना मैं तेरा

Wissenswertes über das Lied Baat Saaf Hai von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “Baat Saaf Hai” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “Baat Saaf Hai” von Sonu Nigam wurde von Abhendra Kumar Upadhyay komponiert.

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