Bhaee Bhor

DEBOJYOTI MISHRA, VARUN GAUTAM, DEBAJYOTI MISHRA

भई भोर जागो भई भोर
जैसे छाये अरुणाई भूले रतिया का घन घोर
भूले रतिया का घन घोर
भई भोर जागो भई भोर

सूर्य भवन्ति भूतानि
सूर्ये नपाली तानीतू
सूर्ये नयम प्राप्तवन्ति
सूर्या सोः महवच
नमः सूर्याय शान्ताय
सर्वा रोग विनासाह्य
ऐश्वर्ये मेशरए देहि देव जगतवाते
असतोमा सद्गमय

सपन चदरिया मनन की हटा
कर्म गठरिया बाँध उठा
सपन चदरिया मनन की हटा
कर्म गठरिया बाँध उठा
नयी डिस का करले तू ठाव
जागे दस दिशा की बोली जीवन नैया की डोली
बढ़ जाए पथ पे ले लिया
भई भोर जागो भई भोर भई भोर

पलना पल्लव हलराये सरिता करीमल हरजाये
घण्टी घन अन्हड़ जैसे गाये
उडाता जाए पाखी नयी छोर
भई भोर भई भोर भई भोर
जागो रे बटोहिया जगत है पिहाना ठाम ड़ोर
जागो भई भोर

Wissenswertes über das Lied Bhaee Bhor von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “Bhaee Bhor” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “Bhaee Bhor” von Sonu Nigam wurde von DEBOJYOTI MISHRA, VARUN GAUTAM, DEBAJYOTI MISHRA komponiert.

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