Chale Aao

Nusrat Badr

चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ

चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ
सुरीली सी कोई सिटी वही सिटी बड़ी मीठी
पुराने रेल के डिब्बे हरी झंडी वो पगडंडी
मुझे आवाज़ देती है सभी परवाज़ कहती है
किसी के शबनमी पॅल्को के साए मे
चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ

हुए थे कल जो अंजाने लगे है याद वो आने
किसी का भीगा है आँचल कही खामोश है पायल
दुआव जैसा वो काजल वो आँखे सुनी सुनी सी
थी जिनमे हरियाली मुझे आवाज़ देती है

चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ

कहा होंगे वो बदल कहा मिलते वो मौसम
नही थामता है चलता पल जहा मखमल सी थी बारिश
वही मिलने की है ख्वाइश वही मोटी
वही सीपी आवाज़ देती है
चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ
सुरीली सी कोई सिटी वही सिटी बड़ी मीठी
पुराने रेल के डिब्बे हरी झंडी वो पगडंडी
मुझे आवाज़ देती है सभी परवाज़ कहती है
किसी के शभनामी पॅल्को के साए मे
चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ

Wissenswertes über das Lied Chale Aao von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “Chale Aao” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “Chale Aao” von Sonu Nigam wurde von Nusrat Badr komponiert.

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