Ek Din Kahin

NUSRAT FATEH ALI KHAN, JAVED AKHTAR

एक दिन कहीं हम दो
तुम मिलें और तीसरा कोई ना हो
बैठे रहें खोए रहें
कुच्छ मैं कहूँ कुच्छ तुम कहो
एक दिन कहीं हम दो
तुम मिलें और तीसरा कोई ना हो
बैठे रहें खोए रहें
कुच्छ मैं कहूँ कुच्छ तुम कहो
कभी मैं कहूँ ज़रा सुन तो लो
कभी तुम कहो अब कह भी दो
कभी मैं कहूँ तुम्हें नाज़मी
कभी तुम कहो मुझे हुमनशी
कभो मैं कहूँ सुन महजबी
नहीं तुम बिन मुझको चेन कहीं
फिर तुम कहो की तुम्हें है यकीन
फिर मैं कहूँ की
मुझे प्यार है तुमसे
एक दिन कहीं हम दो
मिलें और तीसरा कोई ना हो
एक दिन कहीं दो तुम
मिलें और तीसरा कोई ना हो
बैठे रहें खोए रहें
कुच्छ मैं कहूँ कुच्छ तुम कहो
कभी मैं कहूँ ज़रा सुन तो लो
कभी तुम कहो अब कह भी दो
कभी मैं कहूँ तुम्हें नाज़मी
कभी तुम कहो मुझे हुमनशी
कभो मैं कहूँ सुन महजबी
नहीं तुम बिन मुझको चेन कहीं
फिर तुम कहो की तुम्हें है यकीन
फिर मैं कहूँ की
मुझे प्यार है तुमसे
एक दिन कहीं हम दो
मिलें और तीसरा कोई ना हो

मौसम की बात राहों की
बात मंज़िल की बात हो
फूलों की बात ख्वाबों की
बात फिर दिल की बात हो
मौसम की बात राहों की
बात मंज़िल की बात हो
फूलों की बात ख्वाबों की
बात फिर दिल की बात हो
महकी सी हो तनहाईयाँ
आने लगें अंगड़ायाँ
धड़के ये दिल काँपे नज़र
तुम्मको कभी छ्छू लून अगर
मैं ये कहूँ कहता रहूं
मुझे तुम बिन अब जीना ही नहीं
फिर तुम कहो की तुम्हें है यकीन
फिर मैं कहूँ की
मुझे प्यार है तुमसे
एक दिन कहीं हम दो
मिलें और तीसरा कोई ना हो

चंचल हवायें आँचल
उड़ायें लेकिन मैं थाम लून
समझो इशारा जब मैं
तुम्हारा कोई भी नाम लून
चंचल हवायें आँचल
उड़ायें लेकिन मैं थाम लून
समझो इशारा जब मैं
तुम्हारा कोई भी नाम लून
तुम प्यार में कहता रहूं
कभी चाँदनी कभी रागिनी
कभी तुमको मैं कहूँ गीत
हो जीवन का तुम संगीत हो
मेरी प्रीत हो मनमीत हो
तुम कहो तो दे डून जान यहीं
फिर तुम कहो की तुम्हें है यकीन
फिर मैं कहूँ की
मुझे प्यार है तुमसे
एक दिन कहीं दो तुम
मिलें और तीसरा कोई ना हो
बैठे रहें खोए रहें
कुच्छ मैं कहूँ कुच्छ तुम कहो
कभी मैं कहूँ ज़रा सुन तो लो
कभी तुम कहो अब कह भी दो
कभी मैं कहूँ तुम्हें नाज़मी
कभी तुम कहो मुझे हुमनशी
कभो मैं कहूँ सुन महजबी
नहीं तुम बिन मुझको चेन कहीं
फिर तुम कहो की तुम्हें है यकीन
फिर मैं कहूँ की
मुझे प्यार है तुमसे
एक दिन कहीं हम दो
मिलें और तीसरा कोई ना हो

Wissenswertes über das Lied Ek Din Kahin von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “Ek Din Kahin” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “Ek Din Kahin” von Sonu Nigam wurde von NUSRAT FATEH ALI KHAN, JAVED AKHTAR komponiert.

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