Kabhi Shaam Dhale [Male]

ASHOK PATKI, SHRIDHR KAMAT

आआ आ आआ आ आ
आआ आ आ आआ
आआ आ आ आ
आआ आआ आ

कभी शाम ढले तो
मेरे दिल मे आ जाना
कभी चाँद खिले तो
मेरे दिल मे आ जाना
कभी शाम ढले तो
मेरे दिल मे आ जाना
कभी चाँद खिले तो
मेरे दिल मे आ जाना
मगर आना इस तरहा तुम
के यहाँ से फिर ना जाना
कभी शाम ढले तो
मेरे दिल मे आ जाना
कभी चाँद खिले तो
मेरे दिल मे आ जाना

आआ आ आआ आ आ आआ आ आ आआ
आआ आ आ आ आआ आआ आ
तू नहीं है मगर
फिर भी तू साथ है
बात हो कोई भी
तेरी ही बात है
तू ही मेरे अंदर है
तू ही मेरे बाहर है
जब से तुझको जाना है
मैने अपना माना है
मगर आना इस तरहा तुम
के यहाँ से फिर ना जाना
कभी शाम ढले
आआ आ आ

कभी शाम ढले कभी शाम ढले कभी शाम ढले कभी शाम ढले(आआ आ आ)

कभी चाँद खिली
आआ आ आ

कभी शाम ढले कभी शाम ढले कभी शाम ढले कभी शाम ढले(आआ आ आ)

कभी शाम ढले तो
मेरे दिल मे आ जाना(आ जाना आ जाना आ जाना आ जाना आ जाना)
कभी चाँद खिले तो
मेरे दिल मे आ जाना(आ जाना आ जाना आ जाना आ जाना आ जाना)
मेरे दिल मे आ जाना मेरे दिल मे आ जाना मेरे दिल मे आ जाना(आआ आ आआ)
मेरे दिल मे आ जाना मेरे दिल मे आ जाना मेरे दिल मे आ जानामेरे दिल मे आ जाना(आआ आ आआ)

Wissenswertes über das Lied Kabhi Shaam Dhale [Male] von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “Kabhi Shaam Dhale [Male]” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “Kabhi Shaam Dhale [Male]” von Sonu Nigam wurde von ASHOK PATKI, SHRIDHR KAMAT komponiert.

Beliebteste Lieder von Sonu Nigam

Andere Künstler von Pop