Kuchh Lab Pe Hai Kuch Dil Mein Hai

Sameer

वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो

कुछ लब पे है कुछ दिल में हैं
अरमान ज़रा मुश्किल में हैं
कुछ लब पे है कुछ दिल में हैं
अरमान ज़रा मुश्किल में हैं

एक अजनबी प्यास है दीवानगी ख़ास है
कुछ प्यार में केह तोह दिया
कुछ कुछ मगर कहना भी है

कहना भी है (कहना भी है)

लागे
लागे
कहीं न अब जिया लागे जागे
जागे
रातों को अब नैना जागे

बेचैनियां शामो सेहर
मुझको नहीं मेरी खबर

साँसें चलें बीते समय पल न ढले
जीना मुझे अब तोह तेरी पलकों तले

कुछ लब पे है कुछ दिल में हैं
अरमान ज़रा मुश्किल में हैं
कुछ लब पे है कुछ दिल में हैं
अरमान ज़रा मुश्किल में हैं

वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो
वो वो वो वो वो

झूमे
झूमे
मस्ती में मेरा तन झूमे घूमे
घूमे
आवारा मेरा मन घूमे
तेरी गली तेरा शेहर अच्छी लगे तेरी डगर
रुक के चले चल के रुके यह कारवां
आधी लगे पूरी लगे यह दास्तान

कुछ लब पे है कुछ दिल में हैं
अरमान ज़रा मुश्किल में हैं (वो वो वो वो वो)
कुछ लब पे है कुछ दिल में हैं (वो वो वो वो वो)
अरमान ज़रा मुश्किल में हैं

एक अजनबी प्यास है दीवानगी ख़ास है
कुछ प्यार में केह तोह दिया
कुछ कुछ मगर कहना भी है

कहना भी है (कहना भी है) (कहना भी है)

कहना भी है

Wissenswertes über das Lied Kuchh Lab Pe Hai Kuch Dil Mein Hai von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “Kuchh Lab Pe Hai Kuch Dil Mein Hai” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “Kuchh Lab Pe Hai Kuch Dil Mein Hai” von Sonu Nigam wurde von Sameer komponiert.

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