Mann Tu

Abhishek Brahmachari

मन तू मान जा
काहे माने ना

मन तू मान जा
काहे माने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
तेरे पैरों मे बांध कस कर के तांथ
काहे उड़ता फिरे पतंगो सा
कभी पानी मे बह के बूंदों मे रह के
घुलता रहे तू रंगो सा
मन तू मान जा
काहे माने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना

जिंदगी की पटरियों पे
जिंदगी की पटरियों पे रेल सा दौड़ता है
खेल बन के आप अपने खेल सा खेलता है
तूने आँखों के अपने गुल्लख मे कितने सपने जुटा के रखे है
और कान्धो पे कैसे ख्वाबों से भर के बस्ते उठा के रखे है
रे तू भोला है कितना बच्चो सा जिद करता है रूठ जाता है

होरे मन काहे जबरन
होरे मन काहे जबरन तू ज़ोर लगाता है
होरे मन काहे खामखाँ तू शोर मचाता है
तू ना जाने क्यू रे ना माने ना क्यू रे
टूटा तितली के पंखों सा तुझे जी भर सताया
अरे काट खाया अपनो ने हर एक डंकों सा
रे तू भोला है कितना बच्चो सा
जिद करता है रूठ जाता है

तू बनके गधारी आशाओ की
तू बनके गधारी आशाओ की
बढ़ता ही रहता ढलानो पे
भर के कुलाइची ना देखे पीछे
चढ़ता ही रहता चढ़ांनो पे
तूने बाँधी जो आश् ओर जो ली हे साश
गुब्बारे सी फुट सकती है
थोड़ी बातें बना के गप्पे खिला के
तुझे दुनिया तुझे लूट सकती है
रे तू भोला है कितना बच्चो सा
जिद करता है रूठ जाता है
मन तू मान जा
काहे माने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना

Wissenswertes über das Lied Mann Tu von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “Mann Tu” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “Mann Tu” von Sonu Nigam wurde von Abhishek Brahmachari komponiert.

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