O Kamini

Manoj Muntashir

याद है अपना पहला मिलन
सृष्टि का वो पहला सावन
तू युगों की प्यासी धरती थी
तुझे प्रेम के बादल घेरे थे
तेरे तपते हुये तन पे जो झरे
वो मेघदूत सब मेरे थे
ओ कामिनी ओ कामिनी

तेरे तन मंदिर में मेरा मन खोया
जागा सपना सोया-सोया
बड़े लुटेरे नैना तोरे
सुधबुध मैं तो भूल गयो रे
एक लचक में सौ हिलकोरे
जोगन भाग जगा दे मोरे
ओ कामिनी ओ कामिनी ओ कामिनी
दे दे ना दे दे ना


काया तेरी माया दर्पण
ये इन्द्रधनुष तुझको अर्पण
आ ओढ़ लूँ तुझको ओ बैरंग
जैसे धरती ओढ़े नील गगन
हम मिलेंगे ये तब से तय था
जब चमक नहीं थी तारों में
ना सोच ये नीति क्या कहती है
आ बह जा मेरी धारों में
ओ कामिनी ओ कामिनी ओ कामिनी
ओ कामिनी ओ कामिनी ओ कामिनी

Wissenswertes über das Lied O Kamini von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “O Kamini” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “O Kamini” von Sonu Nigam wurde von Manoj Muntashir komponiert.

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