Rafta - Rafta Nazar

Nusrat Badr, Sandeep Chowta

रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
देखता हू जिधर टू ही आए नज़र
हो अपना बनले मुझे दिल मे बसले मुझे
टू हैं मेरी रूहे सफ़र
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर

रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
देखता हू जिधर टू ही आए नज़र
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर

हो अपना बनले मुझे दिल मे बसले मुझे
टू हैं मेरी रूहे सफ़र
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
आ हे.. रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर

दिलबारा दिलरुबा परदा हटा दे टू जलवा दिखा दे टू
दिल के जहाँ मे शम्मा जला दे टू
रहनुमा सुन ज़रा दिल से ना मेरे टू जेया
दिलबारा दिलरुबा परदा हटा दे टू जलवा दिखा दे टू
दिल के जहाँ मे शम्मा जला दे टू
रहनुमा सुन ज़रा दिल से ना मेरे तू जेया
तेरे ही धड़कनो मे मेरी यह रहगुजर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
देखता हू जिधर टू ही आए नज़र
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर

ओह कर इधर रुख़ ज़रा आजा निगाहो मे दिल की पनहाओ मे
धड़कन की बहो से सांसो की रहो मे
नज़नी दिलनशी धीरे से आके समा
कर इधर रुख़ ज़रा आजा निगाहो मे दिल की पनहाओ मे
धड़कन की बहो से सांसो की रहो मे
नज़नी दिलनशी धीरे से आके समा
मुझ मे आइसे रहे टू मुझको भी ना हो खबर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
ही आफ़्टा रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
आ हे रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
देखता हू जिधर टू ही आए नज़र
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
हो अपना बनले मुझे दिल मे बसले मुझे
टू हैं मेरी रूहे सफ़र
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर
रफ़्ता रफ़्ता नज़र हो गयी बेख़बर

Wissenswertes über das Lied Rafta - Rafta Nazar von Sonu Nigam

Wer hat das Lied “Rafta - Rafta Nazar” von Sonu Nigam komponiert?
Das Lied “Rafta - Rafta Nazar” von Sonu Nigam wurde von Nusrat Badr, Sandeep Chowta komponiert.

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