Ram Siya Ram
राम राम राम राम (राम राम राम)
मंगल भवन, अमंगल हारी
द्रबहु सु दसरथ, अजिर बिहारी
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
होइ हैं सोई जो, राम रचि राखा
को करि तरक, बढ़ावई साखा
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
हो जाकी रही भावना जैसी
रघु मूरत देखी तिन तैसी
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
हो रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
हो हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम
राम सिया राम, सिया राम जय-जय राम