Sochta Hu Main
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
अंजाना सा खेल ये क्या है
खेल ये क्या है
खेल ये क्या है
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
इंसान जी के
इंसान जी के पाता क्या है
सदियों से ये राज़ च्छूपा है
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
हँसना रोना गाना क्या है
उतना गिरना पाना क्या है
हँसना रोना गाना क्या है
उतना गिरना पाना क्या है
बंडों को मनवाना क्या है
बंडों को मनवाना क्या है
जीना सच है
जीना सच है, या एक सपना
सदियों से ये राज़ च्छूपा है
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
ये दिन रात का फेरा क्यूँ है
धरती रैन बसेरा क्यूँ है
हो.. ये दिन रात का फेरा क्यूँ है
धरती रैन बसेरा क्यूँ है
टन पे उम्र का घेरा क्यू है
टन पे उम्र का घेरा क्यू है
पल पल बढ़ती
पल पल बढ़ती उम्र घाटे क्यूँ
सदियों से ये राज़ च्छूपा है
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
प्रीत का ताना बना क्या है
रिश्तों में उलझाना क्या है
हो.. प्रीत का ताना बना क्या है
रिश्तों में उलझाना क्या है
खुद को ही तड़पाना क्या है
खुद को ही तड़पाना क्या है
आँख में आँसू
आँख में आँसू क्यू आते हैं
सदियों से ये राज़ च्छूपा है
सोचता हूँ मैं खेल क्या है
अंजाना सा ये खेल ये क्या है
खेल ये क्या है
खेल ये क्या है, ये क्या है
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
इंसान जी के
इंसान जी के पाता क्या है
सदियों से ये राज़ च्छूपा है
सोचता हूँ मैं खेल ये क्या है
खेल ये क्या है