Sajda Karu
सजदा करूँ रब का जहाँ
आती है बन के तू दुआ वहाँ
सजदा करूँ रब का जहाँ
आती है बन के तू दुआ वहाँ
मुसलसल तेरे ख़याल मे बेहाल रहता हूँ
मैं ख़ुद दिल से कभी कभी सवाल करता हूँ
मेरी राहें तेरी राहों से क्यूँ जुदा जुदा
चले आओ चले आओ
मेरे हमदम चले आओ
चले आओ चले आओ
है आँखें नम चले आओ
कितनी हसीन है आवारगी
करवट बदलती दीवानगी हाए
तन्हाई के सिलसिले जब मिट जाएँगे
एक आहट पे लुट जाएँगे
निगाहों में क़यामत की बेदारी है
यह कैसी तुमसे मिलने की तैयारी है
तेरी यादों से तरबतर ये रात ढल जाए
मुक़द्दर मेरी पनाह का ज़रा बदल जाए
खड़ा मैं यूँ कहाँ हो ग़ुम
सुन लो मेरी सदा
चले आओ चले आओ
मेरे हमदम चले आओ
चले आओ चले आओ
है आँखें नम चले आओ
दिल आरज़ू का दरिया लगे
यह आशिक़ी का ज़रिया लगे हाए
तकते है हम इस उम्मीद से तेरी राहें
आँखों में ख़्वाब ख़्वाब में आँखें
जो तेरा ले ले के ज़ुबान छिल जाती है
हवाओं से तेरी तस्वीर तब मिल जाती है
फ़िज़ा हूँ मैं मुझे मेरी बहार मिल जाए
तड़पते दिल को अब ज़रा क़रार मिल जाए
मेरा यह दिल तेरी मंज़िल यही सफ़र तेरा
चले आओ चले आओ
मेरे हमदम चले आओ
चले आओ चले आओ
है आँखें नम चले आओ
चले आओ चले आओ