Malik Tere Jahan Ka Kya Haal Ho Raha Hai
आ आ आ आ आ आ आ आ आ (आ आ आ आ)
ओ हो ओ ओ
ओ हो हो ओ
मालिक तेरे जहाँ का क्या हाल हो रहा है
आ आ आ आ आ आ आ आ आ (आ आ आ आ)
मालिक तेरे जहाँ का क्या हाल हो रहा है
जीना यहा सुकून से मौहाल हो रहा है (हो ओ ओ)
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ ओ, हो ओ ओ
नेकी का उठ रहा है हर मोड़ पर जनाज़ा
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
नेकी का उठ रहा है हर मोड़ पर जनाज़ा
इंसानियत का हक़ क्यूँ पामाल हो रहा है
मालिक तेरे जहाँ का क्या हाल हो रहा है
जीना यहा सुकून से मौहाल हो रहा है (हो ओ ओ)
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ