Zameen Ko Cheer De

Onkar Minhas, SALIM BIJNOURI

ज़मीन को चिर दे आस्मा को फाढ़ दे
ज़मीन को चिर दे आस्मा को फाढ़ दे
उसुलो को परवाज़ दे मुश्किले दाग दे
ज़मीन को चिर दे आस्मा को फढ़ दे
आ आ आ ता ना ना न ना (हे हे ए ए आ आ)
गुनाहो की दलदल से आज़ाद हो जा
गुनाहो की दलदल से आज़ाद हो जा
सारे मसले नीचे हो जाए
ऐसे उठ ना, उठ ना
खुद ही को कर बुलंद इतना
खुद ही को कर बुलंद इतना
खुद ही को कर बुलंद इतना
खुद ही को कर बुलंद इतना
खुद ही को कर वो बुलंद इतना (हे हे ला ला ला)

रास्ते कल बंद थे कितने
रास्ते कल बंद थे कितने
सोच पे पेभनध कितने
हाथो की लकीर मिटा दे
खुद अपनी तक़दीर बना दे
दुनिया में रंग रंग बे मिटा ले
एक नयी आवाज उठाले
जब सफ़र में चल ही पड़े तो
जब सफ़र में चल ही पड़े तो
कैसा है रुखना
खुद ही को कर बुलंद इतना
खुद ही को कर बुलंद इतना

कौन सी मिट्टी के बने है
कौन सी मिट्टी के बने है
सब यहा तो चिकने घड़े है
आँगन की दीवार गीरा दो
सूरज को पूरा फैला दो
झूठी हर बैसाखी हटा दो
सच को फिर पैरो चला दो
इन किताबो मे हम बट्ट चुके है
इन किताबो मे हम बट्ट चुके है
अब ना है बत्तना
खुद ही को कर बुलंद इतना
खुद ही को कर बुलंद इतना
खुद ही को कर बुलंद इतना
खुद ही को कर बुलंद इतना
खुद ही को कर बुलंद इतना
आ आ या रा रा र आ

हे हे रा रा आ आ ला ला ला
ज़मीन को चिर दे आस्मा को फाढ़ दे (रा रा आ आ)
ज़मीन को चिर दे आस्मा को फाढ़ दे (आ आ)

Wissenswertes über das Lied Zameen Ko Cheer De von Sukhwinder Singh

Wer hat das Lied “Zameen Ko Cheer De” von Sukhwinder Singh komponiert?
Das Lied “Zameen Ko Cheer De” von Sukhwinder Singh wurde von Onkar Minhas, SALIM BIJNOURI komponiert.

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