Naseeba

Irfan Siddiqui, Salim Sulaiman

जाने किस डगर है चला यह मन बावरा
नैनो में चुभे टूटा सा कोई ख्वाब सा
झूठे दिलासे रे हमको रुलाये रे
कैसी सजा है या खुदा
क्या नसीबा चाहे
तू ही बता हाय
क्यों जुदा हैं रहे
तू ही बता हाय
झूठे दिलासे रे हम को रुलाएं रे
कैसी सजा है या खुदा
क्या नसीबा चाहे
तू ही बता हाय
क्यों जुड़ा हैं रहे
तू ही बता हाय
आय नसीबा हो
जो अंधेरों में है डूबा ये पल
इसे कैसे रोशन करूँ
जलूं जैसे परवाने जलते हैं
या शामा के जैसे जलूं
दोनों ही बातों में
जलना है रातों में
कैसी सजा है या खुदा
क्या नसीबा चाहे (नसीबा चाहे)
तू ही बता हाय
क्यों जुदा हैं राहें (जुदा हैं रहे)
तू ही बता हाय
झूठे दिलासे रे हुमको रुलाएँ रे
कैसी सजा है या खुदा
क्या नसीबा चाहे
तू ही बता हाय
क्यों जुदा हैं रहे
तू ही बता बता हाय
ये नसीबा

Wissenswertes über das Lied Naseeba von Sunidhi Chauhan

Wer hat das Lied “Naseeba” von Sunidhi Chauhan komponiert?
Das Lied “Naseeba” von Sunidhi Chauhan wurde von Irfan Siddiqui, Salim Sulaiman komponiert.

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