Piku

Juhi Chaturvedi

धूप धूप धूप (?)

सुबह की धूप पे इसी की दस्तख़त है
इसी की रोशनी उड़ी जो हर तरफ है
ये लम्हो के कुवे में रोज़ झाँकति है
ये जाके वक़्त से हिसाब मांगती है
ये पानी है ये आग है
ये खुदी लिखी किताब है
प्यार की खुराक सी है पीकु
सुबह की धूप पे इसी की दस्तख़त है

हा हा हा हा
हा हा हा हा
हा हा हा हा
हा हा हा हा
हा हा हा हा
हा हा हा हा
हा हा हा हा
हा हा हा हा

पन्ना सांसो का पलटे और लिखे उनपे मन की बात रे
लेना इसको क्या किस से
इसको तो भाए खुद का साथ रे
उः ओह बारिश की बूँद जैसी, सर्दी की ढूँढ जैसी
कैसी पहेली इसका हाल ना मिले
कभी ये आसमान उतारती है नीचे
कभी ये भागे ऐसे बादलों के पीछे
इसे हर दर्द घूँट जाने का नशा है
करो जो आए जी में इसका फैसला है
ये पानी है ये आग है, ये खुदी लिखी किताब है
ये प्यार की खुराक सी है पीकु

मोड राहो के चेहरे
इसको जाना होता जिस ओर है
ऐसे सरगम सुनाए
खुद इसके सुर हैं इसके राग रे
उः ओह रूठे तो मिर्ची जैसी
हंस दे तो चीनी जैसी
कैसी पहेली इसका हल ना मिले
सुबह की धूप पे इसी की दस्तख़त है
इसी की रोशनी उड़ी जो हर तरफ है
ये लम्हो की कुवे में रोज़ झाँकति है
ये जाके वक़्त से हिसाब मांगती है
ये पानी है ये आग है, ये खुदी लिखी किताब है
प्यार की खुराक सी है पीकु

Wissenswertes über das Lied Piku von Sunidhi Chauhan

Wer hat das Lied “Piku” von Sunidhi Chauhan komponiert?
Das Lied “Piku” von Sunidhi Chauhan wurde von Juhi Chaturvedi komponiert.

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