Rangaa Re Hindi

Swanand Kirkire

भीगी भीगी हैं चाहतें
भीनी भीनी है रात
मैं रंग बन के पिघली हूँ तेरे साथ
रंगा रे ओ दिल
रंगा रे तेरे रंग
रंगा रे तेरी रूह में मैं घुल गयी

तेरी गहरी साँसों में खो गए एहसास
मैं बनके बेहति हु तेरे हाथ
रंगा रे ओ दिल
रंगा रे तेरे रंग
रंगा रे तेरी रूह में मैं घुल गयी
ओ ओ ओ ओ ओ

तुझे नसीबों से मैं चुरा लूं
तुझे ओनी साँसों में जगह दूं
तेरी रग रग में आज बह के
मैं मेरे फन को झिला दूं
मैं झिला दूं

होके तेरी झुल्फों से उतरे रात
रोक लूं ये लम्हा
के तेरे होंठों से छू के आज
छु लूं आग
मैं रंगा रे
ओ हाँ मैं रंगा रे
तेरे रंग रंगा रे
तेरे जिस्म में मैं घुल गया

Wissenswertes über das Lied Rangaa Re Hindi von Sunidhi Chauhan

Wer hat das Lied “Rangaa Re Hindi” von Sunidhi Chauhan komponiert?
Das Lied “Rangaa Re Hindi” von Sunidhi Chauhan wurde von Swanand Kirkire komponiert.

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