Garaj Baras [A Tribute to Jagjit Singh]
खुशियों से दामन भर दो न जरा
आँखों को सपने दे दो सूखे को हरा
दिन को भोर कोई सुहानी दे दे रे मौला
गरज बरस प्यासी धरती
पर फिर पानी दे मौला
गरज बरस प्यासी धरती
पर फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाने बाकचों को
गुड-धानी दे मौला
गरज बरस प्यासी धरती
पर फिर पानी दे मौला
दो और दो का जोड़ हमेशा
चार कहाँ होता हैं
सोच समझ वालों को
थोड़ी नादानी दे मौला
चिड़ियों को दाने दे बच्चों को गुड़ धनि दे मौला
गरज बरस प्यासी धरती
पर फिर पानी दे मौला
तेरे होते कोई किसी की
जान का दुश्मन क्यूँ हो
जीने वालों को मरने की आसानी दे मौला
चिड़ियों को दाने दे बच्चों को गुड़ धनि दे मौला
गरज बरस प्यासी धरती
पर फिर पानी दे मौला
मौला मौला रे मौला मौला मौला रे मौला
मौला मौला रे मौला मौला मौला रे मौला
मौला मौला रे मौला मौला मौला रे मौला
मौला मौला रे मौला मौला मौला रे मौला