Khuda Kare Ke Mohabbat Mein Yeh Maqam Aaye

Nashad, Fazli Tasleem

खुदा करे के मोहब्बत में यह मक़ाम आए
खुदा करे के मोहब्बत में यह मक़ाम आए
किसीका नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये
खुदा करे के मोहब्बत में यह मक़ाम आए
खुदा करे

कुछ इस तराह से जिए ज़िंदगी बसर ना हुए
कुछ इस तराह से जिए ज़िंदगी बसर ना हुए
तुम्हारे बाद किसी रात की सहर ना हुए
सहर नज़र से मिले ज़ुल्फ़ लेते शाम आए
किसीका नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये
खुदा करे के मोहब्बत में यह मक़ाम आए
खुदा करे

खुद अपने घर में वो मेहमान बन के आये है
खुद अपने घर में वो मेहमान बन के आये है
सितम तो देखिए अंजान बन के आये है
हमारे दिल की तड़प आज कुछ तो काम आए
किसीका नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये
खुदा करे के मोहब्बत में यह मक़ाम आए
खुदा करे

वही है साज़ वही, रीत है वही मंज़र
वही है साज़ वही, रीत है वही मंज़र
हर एक चीज़ वही है, नही हो तुम हो मगर
उसी तरह से निगाहें, उठे सलाम आए
किसीका नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये
खुदा करे के मोहब्बत में यह मक़ाम आए
खुदा करे के मोहब्बत में यह मक़ाम आए

Wissenswertes über das Lied Khuda Kare Ke Mohabbat Mein Yeh Maqam Aaye von Talat Aziz

Wer hat das Lied “Khuda Kare Ke Mohabbat Mein Yeh Maqam Aaye” von Talat Aziz komponiert?
Das Lied “Khuda Kare Ke Mohabbat Mein Yeh Maqam Aaye” von Talat Aziz wurde von Nashad, Fazli Tasleem komponiert.

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