Mujhe Tumse Mohabbat
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है
ना जाने सबसे पहले
कहाँ किसने कहाँ किससे
वो आशिक़ कों था आख़िर
चली रस्मे वफ़ा जिससे
किया था प्यार पहली बार
किस पागल ने यह दरिया के
जिस मैं आग बहती है
जिस मैं मौत रहती है
ना जाने यह कसक कैसे
उठी किस शख्स के दिल मैं
के फिर होने लगे चलते
आही हर एक माहेफ़िल मैं
माहेफ़िल मैं माहेफ़िल मैं
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है
गमे हस्ती को भी उसने
गमे जाना बना डाला
वो दीवाना सही हम
सब को दीवाना बना डाला
होगा आगाज दुनिआ में
मोहब्बत की कहानी का
समंदर बन गया ये दिल
जो इक कतरा था पानी का
उसी ने आते जाते मौसमो के नाम भी रखे
निगाहों के नशे से हरक खली जाम भी रखे
कहा था जजों उसने जब अब भी
वही सब लोग कहते हे
किसी पे आ गया दिल तो
यही सब लोग कहते हे
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मुझे तुमसे मोहब्बत है