Mirza
नादान नादान जैसे हो तुम
वैसे ही तुम रहना
हर पल हर दम तेरे हम तेरे हम
कुछ और नहीं कहना
तेरे इश्क में पागल था
तेरे इश्क में पागल हूं
इस पागलपन का तोहफा तू मेरा
मिर्जा हूं मैं हूं
माही हूं हूं हूं
रांझा हूं हूं हूं हूं
मैं तेरा
साहिबा हूं हूं हूं
सोहनी हूं हूं हूं
हीरे हूं, हूं हूं
मेरी तू हां, हूं हूं
इक चुम दीआं ने
एक तेरा ही
इक जाज़ गाउँदा
सई सुतिया नू
इक ना जुग्ग दिया दे
रहगए भाग सुत्ते
माही वे
तोते जो सुबह को
सॅचा वो खाब तुम हो
जी भर के पढ़ लू मैं
ऐसी किताब तुम हो
चर्चे होते आशिक़ों में तेरे मेरे
मूह-ज़ुबानी है कहानी तेरी मेरी
हर बार मैं तेरी हूँ
और तू मेरा हुमदूम
तेरे इश्क में पागल था
तेरे इश्क में पागल हूं
इस पागलपन का तोहफा तू मेरा
मिर्जा हूं हूंं हूं
माही हूं हूं
रांझा हूं, हूं हूं
मैं तेरा
साहिबा हूं, हूं
सोहनी हूं, हूं
हीरे हूं, हूं हूं
मेरी तू हां, हूं हूं