Kho Gaya Woh Zamana

ABHILASH, DHEERAJ KUMAR

खो गया वो ज़माना
हो गया में दीवाना
खो गया वो ज़माना
हो गया में दीवाना
जब से जुदा तू हो गयी
तब से में हूँ और मेरी तन्हाई
रुती हैं ज़िंदगी छाई हैं खामोसी
खो गया वो ज़माना
हो गया में दीवाना
जब से जुदा तू हो गयी
तब से में हूँ और मेरी तन्हाई
रुती हैं ज़िंदगी छाई हैं खामोसी

तेरा वो आचल सीने पे
पल पल लहराये
तेरा सिमटना मुझसे लिपटना
याद आये
तेरा वो आचल सीने पे
पल पल लहराये
तेरा सिमटना मुझसे लिपटना
याद आये
दूर होके भी लगता हैं
नहीं दूर नहीं दूर नहीं दूर
जब से जुदा तू हो गयी
तब से में हूँ और मेरी तन्हाई
रुती हैं ज़िंदगी छाई हैं खामोसी
खो गया वो ज़माना
हो गया में दीवाना
जब से जुदा तू हो गयी
तब से में हूँ और मेरी तन्हाई
रुती हैं ज़िंदगी छाई हैं खामोसी

चाहत मैं तेरी घाम
कितना मैंने पाया हैं
में हूँ अकेला
अब मेरा साथी साया हैं
चाहत मैं तेरी घाम
कितना मैंने पाया हैं
में हूँ अकेला
अब मेरा साथी साया हैं
तू ही बस तू रहती हैं
साँसो मैं धड़कन
मैं आँखों मैं
जब से जुदा तू हो गयी
तब से में हूँ और मेरी तन्हाई
रुती हैं ज़िंदगी छाई हैं खामोसी
खो गया वो ज़माना
हो गया में दीवाना
खो गया वो ज़माना
हो गया में दीवाना
जब से जुदा तू हो गयी
तब से में हूँ और मेरी तन्हाई
रुती हैं ज़िंदगी छाई हैं खामोसी

Wissenswertes über das Lied Kho Gaya Woh Zamana von Udit Narayan

Wer hat das Lied “Kho Gaya Woh Zamana” von Udit Narayan komponiert?
Das Lied “Kho Gaya Woh Zamana” von Udit Narayan wurde von ABHILASH, DHEERAJ KUMAR komponiert.

Beliebteste Lieder von Udit Narayan

Andere Künstler von Indie rock