Manzilein

MA Amarnani

हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म

मंज़िलें रास्ते
सब तेरे वास्ते
तुझ से है हर समां
तू कहे तोह चले
तू कहे तोह रुके
यह ज़मीन यह जहां

तेरी इनायत है
तेरी ये चाहत है
मैं इस काबिल कहाँ

मंज़िलें रास्ते
सब तेरे वास्ते
तुझसे है हर समां

ज़ुल्फ़ें उड़े तो शाम ढले
पलकें खुले तो सुबह चले
तन्न तेरा छू के चले हवाएं तोह मेहके सब्बा
तेरे लबों से ही रंग बने
काजल से तेरे बानी घटा
दिलरुबा मेहरबान ओ जाने जान
तू जो मेरे साथ साथ है
बाहों में कायनात है
माहिया

मंज़िलें रास्ते
सब तेरे वास्ते
तुझ से है हर समां
तू कहे तो चले
तू कहे तो रुके
यह ज़मीन यह जहां

आ आ आ आ
आ आ आ आ
हम्म ला ला ला ला ला ला

जिस घडी जब तू हस्से
सारी फ़िज़ाएं जन्नत लगे
रब्ब बसे मेरा तेरी निगाहों में ओ जाने जा
दिल झुके तेरे सजदे में
तू ही मेरे इश्क दा जहां
जिस्म में रूह में तू है रवां

लम्हा वह सब से ख़ास है
जिस घडी तू मेरे पास है
माहिया

मंज़िलें रास्ते
सब तेरे वास्ते
तुझसे है हर समां
तू कहे तो चले
तू कहे तो रुके
यह ज़मीन यह जहां

Wissenswertes über das Lied Manzilein von Udit Narayan

Wer hat das Lied “Manzilein” von Udit Narayan komponiert?
Das Lied “Manzilein” von Udit Narayan wurde von MA Amarnani komponiert.

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