Zara Sa Bach Ke

Ram Rasik

वोउ नो नो वोउ नो नो

बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा
बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा
बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा
बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा

एक चुलबुली सी छोकरी, जैसे फूलो की टोकरी
एक चुलबुली सी छोकरी, जैसे फूलो की टोकरी
जब चले मार के झटके, मेरा दिल ज़ुल्फो मे अटके
जब चले मार के झटके, मेरा दिल ज़ुल्फो मे अटके
ज़रा सा बच के, ज़रा सा हटके
ज़रा जी हट के, ओ हट के हटके

बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा
बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा

दो नैना उसके प्यारे, खिड़की से करे इशारे

ला ला आ आ हा हा (ला ला आ आ हा हा)

दो नैना उसके प्यारे, खिड़की से करे इशारे
हाए मर मर गये कुंवारे, काँधे पर चोटी लटके
ज़रा सा बच के, ज़रा सा हट के
ज़रा जी हट के, ओ हट के हट के

बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा
बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा

बारूद की है चिंगारी, खूशबू की भरी पिटारी

री री री ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू (री री री ज़ू ज़ू ज़ू ज़ू)

बारूद की है चिंगारी, खूशबू की भरी पिटारी
उसे चाहे दुनिया सारी, कोई पास ना उसके भटके
ज़रा सा बच के, ज़रा सा हट के
ज़रा जी हट के, ओ हट के हट के

बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा
बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा

वो हुस्न का है खजाना, अंदाज़ बड़ा मस्ताना

ला ला ला हे हे हे (ला ला ला हे हे हे)

वो हुस्न का है खजाना, अंदाज़ बड़ा मस्ताना
हो गया यह दिल दीवाना, ले गयी पटके
ज़रा सा बच के, ज़रा सा हट के
ज़रा जी हट के, ओ हट के हट के

बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा
बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा

यूँ लहर लहर लहराए, उसे देख के होश उड़ जाए

हो हो हो हो वा वा वा उ (हो हो हो हो वा वा वा उ)

यूँ लहर लहर लहराए, उसे देख के होश उड़ जाए
वो जादू बनके छाए, नज़र ना अटके
ज़रा सा बच के, ज़रा सा हट के
ज़रा जी हट के, ओ हट के हट के

बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा
बो गई वो काँटा या या हो गई वो काँटा

Wissenswertes über das Lied Zara Sa Bach Ke von Vinod Rathod

Wer hat das Lied “Zara Sa Bach Ke” von Vinod Rathod komponiert?
Das Lied “Zara Sa Bach Ke” von Vinod Rathod wurde von Ram Rasik komponiert.

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