Na Boond
ना आग हूं
के जल जौन
ना बरफ हाय
जो पिघल जाऊं
ना आग हूं
के मैं जल जाऊं
ना बरफ हाय
जो पिघल जाऊं
ना सख़्त हूं
माई पत्थर सा
ना वक्त ही जो
बदल जाऊँ
ना बूंद हूं
मैं बरसात की
जो बदलो से बिछड़ जाऊं
ना शाम हूं
के ढल जाऊं
ना इश्क ही जो संभल जाऊं
तेरी याद ही है के बह जाऊंगा
पलको पे तेरी ठहर जाऊंगा
दरियां हे ये बह जाऊंगा में
पलको पे तेरी ठहर जाऊंगा
न शबनम न सुनता राही
न इश्क का में राही
न हूँ किसी की दिल की दुआ
न रात का में तारा हूँ
जो टूट के ही बिखर जॉन
न बूँद हूँ में बरसात की
जो बादलो से बिछड़ जाऊं