Ram Aaye Hain Ayodhya

Kaushal Kishore, Vishal Mishra

राम रूप लिए माँ कौशल्या की कोख में
आये स्वयं नारायण
शुरू हुई लो रामायण

पुण्य प्रतापी राजा दसरथ के कुल में जन्मे
वैकुण्ठ उतरा हो जैसे दसरथ के आंगन में
महादेव गौरी से बोले
महादेव गौरी से के
भगवान आये हैं अयोध्या

दीये जलाओ दीये जलाओ
मंगल गाओ राम आये हैं अयोध्या
दीये जलाओ मंगल गाओ राम आये हैं अयोध्या

तीनो लोक के स्वामी है जो
तीनो लोक के स्वामी है

श्री राम आये है अयोध्या
दीये जलाओ मंगल गाओ
राम आये हैं अयोध्या

ज्ञान लिया और वचन दिया की
जब तक देह में प्राण रहेगा
ज्ञान लिया और वचन दिया की
जब तक देह में प्राण रहेगा

न्याय रहेगा धर्म रहेगा
उस पलड़े में राम रहेगा
न्याय रहेगा धर्म रहेगा
उस पलड़े में राम रहेगा

गुरु का लेके आदेश
राम चले हैं मिथिला देश

अवध से आये जनकपुर राम देखो
हो गया है जनकपुर ये धाम देखो
हो गया है जनकपुर ये धाम देखो

एक दरस में मोह लिया रे
हो गई मैं तो तेरी सिया रे
एक दरस में मोह लिया रे
हो गई मैं तो तेरी सिया रे

जैसे विष्णु लक्ष्मी की जोड़ी
जैसे शिव के साथ में हो गौरी
वैसे ही मैं आज से हूँ तेरा
वैसे ही तू आज से है मेरी

भरहु मांग ना करहुं देरी
भरहु मांग ना करहुं देरी

फूल बिछाओ तारे सजाओ
फूल बिछाओ तारे सजाओ
सिया राम आये हैं अयोध्या

दीये जलाओ दीये जलाओ

दीये जलाओ दीये जलाओ
मंगल गाओ राम आये है अयोध्या
राम आये हैं अयोध्या

शुभ बेला बीत गई
कब तक महलों में पलना था
मानव रूप में जन्मे थे
वो काँटों पे भी चलना था
काँटों पे भी चलना था

लेके नई बियाही दुल्हन
साथ में लेके भ्राता लक्ष्मण
राम वन की और चले
प्राणो से भी प्यारी अयोध्या छोड़ चले
प्यारी अयोध्या छोड़ चले

काल जिसके हाथ से हाँ
हाथ से ही रचा बना है
उसको अपनी उँगलियों पे
उँगलियों पे नचा रहा है

काल ये तूने क्या किया
काल ये तूने क्या किया
माँ तूने क्या मांग लिया
पिता ने ही वनवास दिया

जनक नंदनी जीवन
संगिनी का छल से हरण किया
उसी सण में रावण ने तय अपना मरण किया
तय अपना मरण किया

समुन्द्र के सीने पे
चलके राम आए हैं लंका
रावण का जो अहंकार था
धु धु करके धनका

समुन्द्र के सीने पे चलके
राम आए हैं लंका
रावण का जो अहंकार था
धु धु करके धनका

पुण्य पाप के बीच हुए
महायुद्ध का ये परिणाम था

तीनो लोक में गुंजा जय जय जय
जय जय राम के नाम का
तीनो लोक में गुंजा जय जय जय
जय जय राम के नाम का

जय जय राम के नाम का
जय जय राम के नाम का

चरणों में आ के बोले विभीष्ण
चरणों में आ के बोले विभीष्ण

खत्म हुआ वनवास ऐ भगवन
तार दो हमको बनके राजन
सौंप दिया लो जाने दो हमको

लंका अब तुम्हारी कर्मभूमि
कितने बरस से राह तकती है
कितने बरस से राह तकती है

हमरे लिए हमरी जन्मभूमि
हमरे लिए हमरी जन्मभूमि

लखन सिया हनुमान के संग संग
लखन सिया हनुमान के
संग भगवान आए हैं अयोध्या

दीये जलाओ दीये जलाओ
मंगल गाओ राम आये है अयोध्या
राम आये हैं अयोध्या

दीये जलाओ मंगल गाओ राम आये है
अयोध्या
राम आये हैं अयोध्या

सियावर रामचंद्र की जय
मेरे भगवान रामचंद्र की जय
राजा रामचंद्र की जय
प्रभु श्री रामचंद्र की जय

सियावर रामचंद्र की जय
मेरे प्रभु रामचंद्र की जय
राजा रामचंद्र की जय
प्रभु श्री रामचंद्र की जय

Wissenswertes über das Lied Ram Aaye Hain Ayodhya von Vishal Mishra

Wer hat das Lied “Ram Aaye Hain Ayodhya” von Vishal Mishra komponiert?
Das Lied “Ram Aaye Hain Ayodhya” von Vishal Mishra wurde von Kaushal Kishore, Vishal Mishra komponiert.

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