Hausla

Jasdeep Singh, Rishi Thakker, Yashraj Mehra

है बड़े खाब बड़ी सोच
ना बड़े बड़े बस ये है बढ़ने की वो खोज
में सोचता की लोग देंगे दात
या दांत से देंगे नोच
की ये दुनिया है छोटी
या छोटी है इनकी सोच
ये लोग कभी खोलते दिमाग़ नई
जब तक ना बहती बातें
और मै खोलता शराब नई
क्यू की नशे में सारे हो तो जाते शायर
पर कैसे च्छुपेगा सच अपना
खुदसे डरते कायर हम तो
साची बोलू मेरा चले सभ ठीक
क्यू की सभ देखके अजीब से मुझे
भरी ये भीड़ में
मै भी सीख चुका की यहा मेरे नसीब में नही
उनकी तरह पीछे पीछे चलना तो ठीक
लिया रस्ता नया
और जूता घस्ता गया
और गाने बजते गया
और में भी बजता गया
हा बोलू सच में की गानो ने बचाली मेरी जान
क्यू की मेरे जैसे लोग ढूंढे कला में इंसान

एह हौंसला ला
इंज नइयो लब्दा
एह हौंसला ला
इंज नइयो लब्दा
एह हौंसला ला
इंज नइयो लब्दा
एह हौंसला ला
इंज नइयो लब्दा

मलम लाके थक्केया
घाव फेर वी जल्ली जांदे
जीत ते हार दे
विचकर जान टंगी आ वे
बल्दी जावे
किस्मत बल्दी जावे
तल्दी जावे
जीत मेरी ढलदी जावे
कंडेया ते चलदा
पीड मैनु हहुंदी नहीं
लहू जावे डुल्दा
अख मेरी छोंदी नई
टन लेंदा नीन्द्रा
रूह मेरी सोंदी नई
मंज़िल तां मिल गयी
राह रोज़ खोंदी पाई

ना मिलदी राह
ना मिले मैनु क्यू दोस्त
ना मिले मैनु बहाने तो कीनू में दावा दोष
हम तो, बैठा यहा पे ना कोई बाप के दम पे
हम तो रोज़ सुबह जागते बस खाब के दम पे
मै यहा खड़ा हू धूप में ताकि बनालु च्चत सही
लिखू मै सच खुदके लिए मेरा खत वही
लेता इजाज़त की हिफासत तेरे सोच की
या फिर में दबता रहु बस बनावटि भोज में ही

एह हौंसला
इंज नइयो लब्दा
हा देदे हौसला मुझे
एह हौंसला
इंज नइयो लब्दा
थोड़ा सा खोखला हू मै
एह हौंसला हौंसला हौंसला हौंसला
इंज नइयो लब्दा
हा देदे हौसला मुझे
एह हौंसला हौंसला हौंसला
इंज नइयो लब्दा
थोड़ा सा थोड़ा सा थोड़ा सा थोड़ा सा

Wissenswertes über das Lied Hausla von Yashraj

Wer hat das Lied “Hausla” von Yashraj komponiert?
Das Lied “Hausla” von Yashraj wurde von Jasdeep Singh, Rishi Thakker, Yashraj Mehra komponiert.

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