Baja Baja
भागी भागी जाए धूप
दौड़ के पकड़
जिंदगी है दाग सी
धो रगड़-रगड़
भागी भागी जाए धूप दौड़ के पकड़
जिंदगी है दाग सी
धो रगड़-रगड़
दिन है बिखरा-बिखरा सा समेट ले
रात को बिछा के फिर लपेट ले
गर्द वर्द झाड़ अपने घर को तू सजा
बजा बजा बजा बजा घड़ी में क्या बजा
बजा बजा बजा बजा घड़ी में क्या बजा
बजा बजा बजा बजा घड़ी में क्या बजा
जीवन की बातों के उलटे हैं मायने क्यूँ
अपने ही चेहरों से रूठे हैं आईने क्यूँ, रूठे हैं आईने क्यूँ
वो वो वो वो वो.....जीवन की बातों के उलटे हैं मायने क्यूँ
अपने ही चेहरों से रूठे हैं आईने क्यूँ, रूठे हैं आईने क्यूँ
चुभता है रिश्तों का लिबास क्यूँ
हर लम्हा लगता है उदास क्यूँ
चेहरे गम में हर ख़ुशी है लापता
बजा बजा बजा बजा घड़ी में क्या बजा
बजा बजा बजा बजा घड़ी में क्या बजा
बजा बजा बजा बजा घड़ी में क्या बजा
जिस्मो में रखे है
दिल खाली बर्तनों से
आंखों मे घाव है
सपनों की टूटनो से वो... जिस्मो में रखे है
दिल खाली बर्तनों से
आंखों मे घाव है
सपनों की टूटनो से
सपनों की टूटनो से
रास्ते सूने सूने है ख्याल के
धागे उलझे उलझे है सवाल के
खोई खोई जीने की है हर वजह
बजा बजा बजा बजा
घड़ी में क्या बाजा
बजा बजा बजा बजा
घड़ी में क्या बाजा
बजा बजा बजा बजा
घड़ी में क्या बाजा वो...