Jaisi Ho Waisi Raho

Rashmi Virag, Vinay Ram Tivari

जैसी हो वैसी रहो
बदलो नहीं ज़रा सा भी
मेरी हो मेरी रहो
सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो
बदलो नहीं ज़रा सा भी
मेरी हो मेरी रहो
सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो

रुकता है वक़्त कहाँ यहाँ किसी के लिए
सब कुछ बदलता है पर है कसम तुम्हे
तुम ना बदलना कभी देखो
थोड़ी सी उमर जो है
पास बची सुनो संग संग गुज़ारेंगे
सुख दुख बाँट लेंगे
तुम साथ मेरा अगर दो तो
ये जो पल आया है
आएगा ना फ़िर कभी
सीने से लिपटी रहो
सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो
बदलो नहीं ज़रा सा भी
मेरी हो मेरी रहो
सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो

मैने तो तुम्हारे लिए चाँद सितारों को धागे में पिरोया है
जुगनू की रोशनी भी लेके आया हूँ ज़रा देखो
खुशबू तुम्हारी मैंने बांध के रखी अपने सिरहाने पे
रात भर जगता हूँ नींदें ज़रा तुम लौटा दो
हाँ कहो और मुझे पास में आने दो
ये ज़मीं और आसमां एक हो जाने दो
जैसी हो वैसी रहो
बदलो नहीं ज़रा सा भी
मेरी हो मेरी रहो
सोचो नहीं ज़रा सा भी
जैसी हो वैसी रहो

Wissenswertes über das Lied Jaisi Ho Waisi Raho von Yasser Desai

Wer hat das Lied “Jaisi Ho Waisi Raho” von Yasser Desai komponiert?
Das Lied “Jaisi Ho Waisi Raho” von Yasser Desai wurde von Rashmi Virag, Vinay Ram Tivari komponiert.

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