Oh Humnasheen

Rashid Khan

हर सुबहा तेरे नाम की
तेरी आंखें अवध के शाम सी
तुझमे गुज़ारू मैं हर एक पल

हर सुबहा तेरे नाम की
तेरी आंखें अवध के शाम सी
तुझमे गुज़ारू मैं हर एक पल

तेरे जिस्म ने पायी वो रंगत
मैंने देखी ज़मीन पर इक जन्नत
तुझमे गुज़ारू मैं हर एक पल

तुझे देख देख दिन ढलता है
हर घडी तू मुझमे चलता है
तुझे देख देख दिन ढलता है
हर घडी तू मुझमे चलता है
ओह हमनशीं, ओह हमनशीं

हर सुबहा तेरे नाम की
तेरी आंखें अवध के शाम सी
तुझमे गुज़ारू मैं हर एक पल

ठहरा रहूं मैं राहो में तेरी
यारा में तेरी चाहतों में
ठहरा रहूं मैं राहो में तेरी
यारा में तेरी चाहतों में
चढ़ने लगा है मुझपे रंग तेरा
शामिल हुआ तू आदतों में
शामिल हुआ तू आदतों में

तुझे देख देख दिन ढलता है
हर घडी तू मुझमे चलता है
तुझे देख देख दिन ढलता है
हर घडी तू मुझमे चलता है
ओह हमनशीं, ओह हमनशीं

हर सुबहा तेरे नाम की
तेरी आंखें अवध के शाम सी
तुझमे गुज़ारू मैं हर एक पल

कई रोज़ देखा जो ख्वाब मैंने
तावीर उसकी तुही है
हमम कई रोज़ देखा जो ख्वाब मैंने
तावीर उसकी तुही है

हाथों की लकीरो में तू लिखा है
तकदीर मेरी तुही है
तकदीर मेरी तुही है

तुझे देख देख दिन ढलता है
हर घडी तू मुझमे चलता है
तुझे देख देख दिन ढलता है
हर घडी तू मुझमे चलता है
ओह हमनशीं, ओह हमनशीं

हर सुबहा तेरे नाम की
तेरी आंखें अवध के शाम सी
तुझमे गुज़ारू मैं हर एक पल

तेरे जिस्म ने पायी वो रंगत
मैंने देखी ज़मीन पर इक जन्नत
तुझमे गुज़ारू मैं हर एक पल

तुझे देख देख दिन ढलता है
हर घडी तू मुझमे चलता है
तुझे देख देख दिन ढलता है
हर घडी तू मुझमे चलता है
ओह हमनशीं, ओह हमनशी

Wissenswertes über das Lied Oh Humnasheen von Yasser Desai

Wer hat das Lied “Oh Humnasheen” von Yasser Desai komponiert?
Das Lied “Oh Humnasheen” von Yasser Desai wurde von Rashid Khan komponiert.

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