Beetein Lamhe-Madno
Sayeed Quadri
कई ख्वाब दिल तुझको लेकर सजाये
पर खौफ ये भी कहीं पर सताये
गर ये भी टूटे तो फिर होगा क्या रे
मुझे रास आती हैं खुशियां कहाँ रे
आज भी जब वो पल
मुझको याद आते हैं
दिल से सारे गमो को
भूला जाते है
दर्द में भी ये लब
मुस्कुरा जाते है
बीते लम्हें हमें
जब भी याद आते है
बीते लम्हें
हैं दिल को तेरी आरज़ू
पर मैं तुझे ना पा शकुं
हैं दिल को तेरी जुफ्तज़ु
पर मैं तुझे ना पा शकुं
तेरी आगोश में
दिन थे मेरे कटे
तेरी बाहों में थी
मेरी रातें कटे
मैं हु लब तू दुआ, दोनों जुड़ के जुदा
मदनो, माशुको, दिलबरों, मदनो रे
चंद लम्हात
के वास्ते ही सही
मुस्कुरा कर मिली
थी मुझे ज़िंदगी
मदनो, माशुको, दिलबरों, मदनो रे
मदनो मदनो मदनो मदनो मदनो
मदनो मदनो मदनो मदनो मदनो
मदनो मदनो मदनो मदनो मदनो
मदन मदन मदनो
मदन मदन मदनो