Kaise Mujhe Tum Mil Gaye
Prasoon Joshi
कैसे मुझे तुम मिल गयी
किस्मत पे आये ना यकीं
उतर आई झील में
जैसे चाँद उतरता है कभी
हौले हौले, धीरे से
गुनगुनी धूप की तरह से
तरन्नुम में तुम
छू के मुझे गुज़री हो यूँ
देखूँ तुम्हें या मैं सुनूँ
तुम हो जुनूँ तुम हो सुकूँ
क्यों पहले ना आई तुम
कैसे मुझे तुम मिल गयी
किस्मत पे आये ना यकीं
उतर आई झील में
जैसे चाँद उतरता है कभी
हौले हौले, धीरे से
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ
मैं तो ये सोचता था, के आजकल
उपरवाले को फ़ुर्सत नहीं
फिर भी तुम्हें बना के वो
मेरी नज़र में चढ़ गया
रुतबे में वो और बढ़ गया
ज़िन्दगी सितार हो गई
रिमझिम मल्हार हो गई
मुझे आता नहीं किस्मत पे अपनी यकीं
कैसे मुझको मिल गयी तुम