Main Ishq Mein Hoon
मुझको पता ना था
यह इश्क़ होता है क्या
मुझको पता ना था
यह इश्क़ होता है क्या
तू जो मिला तो
मिला मुझको मेरा खुदा
तुझसे यह दूरी
क्यूँ दिल मेरा सहे
तू ही ज़रूरी
यह दिल मेरा कहे
दो हाथों से मिलके
बिच्छाद जाए ऐसे
लकीरे है क्यूँ
ऐसे ना कर तू खुदा
मैं इश्क़ में हूँ
ऐसे ना कर तू जुड़ा
मैं इश्क़ में हूँ
झुक जा ज़रा आसमान
मैं इश्क़ में हूँ
होने दे मुझसे गुनाह
मैं इश्क़ में हूँ
ऐसे ना कर तू खुदा
मैं इश्क़ में हूँ
ऐसे ना कर तू जुड़ा
मैं इश्क़ में हूँ
मुझको जीने की तूने ही
तो दी है वजह
बनके हम साया मिल जाना
तू हर इक जहाँ हन
मंज़िल भी तू, तू ही सफ़र
साथ तेरे रहना मगर
हाथों से हाथ च्छू के भी तूने
रूठा क्यूँ मेरा खुदा
मैं इश्क़ में हूँ
टूटा क्यूँ मेरा जहाँ
मैं इश्क़ में हूँ
झुक जा ज़रा आसमान
मैं इश्क़ में हूँ
होने दे मुझसे गुनाह
मैं इश्क़ में हूँ
ऐसे ना कर तू खुदा
मैं इश्क़ में हूँ
ऐसे ना कर तू जुड़ा
मैं इश्क़ में हूँ
दिल से मैने भी माँगी दुआ
मिल जाए मुझको भी मेरा खुदा
रो रहा हूँ मैं
सुनता नही क्यूँ कोई खुदा
कैसे करूँ मैं बयान
मैं इश्क़ में हूँ
किसको करूँ मैं बयान
मैं इश्क़ में हूँ