Yeh Duniya Yeh Mehfil
Budhaditya Mukherjee
ये दुनिया, ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
ये दुनिया, ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
ये दुनिया, ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
किस को सुनाऊँ हाल दिल-ए-बेकरार का
बुझता हुआ चराग़ हूँ अपने मज़ार का
ऐ काश भूल जाऊँ, मगर भूलता नही
किस धूम से उठा था जनाज़ा बहार का
ये दुनिया, ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
ये दुनिया, ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
ये दुनिया, ये महफ़िल, मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं