Jigar Ke Tukde
Nakhshab Jarchavi
जिगर के टुकड़े
जिगर के टुकड़े
आए दिल के टुकड़े
जो आंशु बन बन
के आ रहे है
करार अपना करार
अपना लूटने वाले
अब अपनी हस्ती
मिटा रहे है
जिगर के टुकड़े
ये कैसी हलचल
मची हुई है
ये कैसी हलचल
मची हुई है
अजीब उलझन ज़िंदगी है
तेरी मोहब्बत तेरी
मोहब्बत लवज़ रही है
मेरे बदन तक
गा रहे है
आए दिल के टुकड़े
जो आंशु बन बन
के आ रहे है
जिगर के टुकड़े
पड़ी मुसीबूत
तो हाल बदला
पड़ी मूषिबट
तो हाल बदला
उम्मीद टूटी ख्याल बदला
ख्याल बदला
कभी मिलाए तुझ समझ
अब उनसे दामन
बचा रहे है
जिगर के टुकड़े
आए दिल के टुकड़े
जो आंशु बन बन
के आ रहे है
जिगर के टुकड़े
जिगर के टुकड़े